Tuesday 23 August 2016

ओलंपिक का इतिहास (भाग-4) 1976 से 1996

ओलंपिक का इतिहास

ओलंपिक खेलों का इतिहास सदियों पुराना है। परंतु इन दिनों जो ओलंपिक खेल हो रहे हैं, उन्हें आधुनिक ओलंपिक खेल कहते हैं। इसकी शुरुआ 1896 में यूनान क¢ एथेंस नगर में हुई। तब से अ¨लंपिक खेलों का परचम पूरे विश्व में शान से लहरा रहा है। कल तक आपने 1972 तक के खेलों के बारे में पढ़ा। अब आगे

मांट्रियल (कनाडा) 17 जुलाई से 1 अगस्त 1976

 कनाडा में हुए इस ओलंपिक को पहली बार बहिष्कार का सामना करना पड़ा। ओलंपिक से कुछ दिनों पहले न्यूजीलैंड की रग्बी टीम ने रंग भेद मानने वाले देश दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी। न्यूजीलैंड की टीम भी ओलंपिक में भाग ले रही थी। इसका विर¨ध करते हुए अफ्रीकी देशों ने ओलंपिक में भाग नहीं लिया।


मास्को (सोवियत संघ) 19 जुलाई से 3 अगस्त 1980

अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के¢ आक्रमण के¢ विरोध में अमेरिका और उसके समर्थक देशों ने सोवियत संघ में हुए इस ओलंपिक का बहिष्कार किया। फिर भी 80 देशों ने इसमें भाग लिया।



लास एंजेल्स (अमेरिका) 28 जुलाई से 12 अगस्त 1984

 इस बार खेलों के बहिष्कार की बारी सोवियत संघ व उसके¢ समर्थक देशों की थी। फिर भी रिकार्ड संख्या में 140  देशों के¢ 6829 खिलाड़ियों ने 221 स्पर्धाओं में भाग लिया।



सिओल (दक्षिण क¨रिया) 17 सितंबर से 2 अक्तूबर 1988

 ओलंपिक खेल लौटकर एशिया में आए। बिना किसी बहिष्कार के सभी देशों ने इसमें भाग लिया। लान टेनिस में स्वर्ण-पदक जीतकर स्टेफी ग्राफ ने गोल्डन ग्रैंड स्लैम पूरा किया। इससे पहले वह 1988 में चारों ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिताएं जीत चुकी थी।




बार्सिलोना (स्पेन)  25 जुलाई से 9 अगस्त 1992

 इस ओलंपिक में ओलंपिक आंदोलन से जुड़े सभी 169 देशों ने इसमें भाग लिया। 9356 खिलाड़ियों में एक तिहाई से ज्यादा महिलाएं थीं।



अटलांटा (अमेरिका)  19 जुलाई से 4 अगस्त 1996

 इस ओलंपिक में 10318 खिलाड़ियों ने भाग लिया। 79 देशों ने कोई न कोई पदक जीता। भारत को लिएंडर पेस ने 16 वर्षों बाद ओलंपिक पदक दिलाया।




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