आधुनिक ओलंपिक का इतिहास
ओलंपिक खेलों का इतिहास सदियों
पुराना है। परंतु इन दिनों जो ओलंपिक खेल हो रहे हैं, उन्हें आधुनिक ओलंपिक खेल कहते
हैं। इसकी शुरुआत 1896 में यूनान के एथेंस नगर में हुई। तब से ओलंपिक खेलों का परचम पूरे विश्व में शान से लहरा रहा है।
इस दौरान ओलंपिक खेलों का कारवां कहां-कहां से गुजरा, इसकी संक्षिप्त झलक प्रस्तुत है।
एथेंस (यूनान, 6 से 15 अप्रैल 1896)
प्रथम ओलंपिक खेलों में 14 देशों
के 241 खिलाड़ियों ने भाग लिया। परंतु इनमें एक भी महिला नहीं थी। 9 खेलों में कुल
43 स्पर्धाएं हुईं। ट्रिपल जंप जीतकर अमेरिका के जेम्स कोनोली प्रथम ओलंपिक चैंपियन
बने। अमेरिका ने सबसे ज्यादा 11 स्वर्ण पदक जीते, जबकि 10 स्वर्ण सहित 46 पदक जीतकर
मेजबान देश यूनान पदक तालिका में पहले स्थान पर रहा।
पेरिस (फ्रांस, 14 मई से 28 अक्तूबर
1900)
पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले
देशों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। पहली बार महिलाओं ने ओलंपिक में भाग लिया। प्रतियोगियों
की संख्या बढ़कर 997 हो गई। कुल 85 स्पर्धाएं आयोजित की
गईं।
सेंट लुइस (अमेरिका, 1 जुलाई से
23 नवंबर 1904)
इस ओलंपिक में केवल 12 देशों ने
भाग लिया। इसका कारण यह था कि पहली बार ओलंपिक का आयोजन यूरोप से बाहर अमेरिकी महाद्वीप में हुआ। खास बात यह रही कि 94
स्पर्धाओं में से 52 में केवल अमेरिकी प्रतियोगी थे।
लंदन (इंग्लैंड, 27 अप्रैल से
31 अक्तूबर 1908)
इस ओलंपिक में 22 देशों ने ही
भाग लिया परंतु प्रतियोगियों की संख्या बढ़कर 2008 हो गई। पहली बार सारे खिलाड़ियों ने अपने-अपने देशों
की ओर से उद्घाटन समारोह के मार्च पास्ट में भाग लिया।
स्टाकहोम (स्वीडन, 6 जुलाई से
22 जुलाई 1912)
इस ओलंपिक में 28 देशों के 2406 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया।
उद्घाटन से दो महीने पहले 5 मई को ही टेनिस प्रतियोगिताएं शुरू हो गई थीं। इस ओलंपिक
में एक साइकिल रोड रेस प्रतियोगिता हुई। इसकी कुल दूरी करीब 320 किलोमीटर थी। दूरी
के हिसाब से यह आज भी ओलंपिक की सबसे
लंबी दौड़ है।
एंटवर्प (बेल्जियम, 14 अगस्त से
12 सितंबर 1920)
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